Karva Chauth 2021

Karva Chauth 2021 : जानें करवाचौथ मनाने का क्या है महत्व

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Karva Chauth 2021 : करवाचौथ पति-पत्नि के मधुर रिश्ते को और मजबूत बनाने का पर्व है। करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन सुहाग से जुड़ी चीजों का काफी महत्व होता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और खुशियां आती हैं। देश में पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में करवाचौथ बड़े उत्साह से मनाया जाता है।

कैसे मनाया जाता है  
Karva Chauth 2021 : इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जल व्रत रखती हैं। करवाचौथ के इस व्रत के दिन करवा माता के साथ मां पार्वती भगवान शिव और गणेश की पूजा भी जाती है। सुबह सूर्य निकलने से पहले सास से भेजी गई सरगी को खाते हैं। इसके बाद स्नान करके करवा चौथ का व्रत शुरू हो जाता है। दिनभर निर्जला व्रत करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती हैं। सुहागिन महिलाएं करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार करती हैं।

Karva Chauth 2021

करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा सुनें। पूजा और करवा चौथ व्रत की कथा सुनने के बाद रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपने पति के हाथें से पानी पीकर व्रत पूरा करती हैं और अपने पति की समृद्धि और लंबी आयु की कामना करती हैं।

Karva Chauth 2021 :

इस बार खास होगा करवा चौथ :
Karva Chauth 2021 : इस साल का करवा चौथ खास होने वाला है। इस बार करवा चौथ रोहिणी नक्षत्र में होने की वजह से व्रती महिलाओं को सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त होगा। धार्मिक मान्यता है कि सूर्य की कृपा से भक्त को दीर्घायु की प्रति होती है। ऐसे में रविवार के दिन करवा चौथ व्रत का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

Karva Chauth 2021

क्यों मनाते हैं करवा चौथ

Karva Chauth 2021 : करवाचौथ के व्रत को लेकर कई कहानियां हैं। कहा जाता है कि जब सत्यवान की आत्मा को लेने के लिए यमराज धरती पर आए तो सत्यवान की पत्नी सावित्री ने उनसे अपने पति के प्राण वापस मांगें थे। लेकिन यमराज ने उसकी बात नहीं मानी, जिसके बाद सावित्री ने अन्न-जल त्याग दिया और अपने पति के शरीर के पास बैठकर रोने लगी। सावित्री के विलाप करने से यमराज ने सावित्री से कहा कि अपने पति के बजाय कोई और वर मांग लो।

फिर सावित्री ने यमराज से कई संतानों की मां बनने का वर मांगा। जिसके बाद यमराज ने वचन में बंध जाने से सावित्री को सत्यवान का जीवन सौंप दिया। तभी से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए अन्न-जल त्यागकर करवा चौथ के दिन व्रत रखती हैं।

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