Maun Fair Of Jaunpur : मसूरी के जौनपुर में ऐतिहासिक मौण मेला लगभग दो साल बाद धूमधाम से मनाया गया और इस दौरान एक साथ हजारों लोग अलगड़ नदी में कूद पड़े और उन्होंने मछलियां पकड़ी साथ हर ढोल की थाप पर भी थिरके।
मछलियों को बेहोश :
मेले के दौरान टिमरू की लकड़ी को पीसकर उसका पाउडर बनाया जाता है और अलगड़ नदी में डालकर मछलियों को बेहोश किया जाता है। जिसके बाद हजारों संख्या में लोगों ने नदी में कूद मारी और मछलियां पकड़ी। इस दौरान ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों की थाप पर लोकनृत्य भी किया। इस मेले में जौनसार जौनपुर और रवाई घाटी के साथ ही 20 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। नदी में लगभग 8 क्विंटल से ज्यादा टिकरी पाउडर डाला गया। फिर जाल लेकर लोग नदी में मछली पकड़ने के लिए कूद पड़े। बताया जा रहा है कि इस दौरान सैकड़ों क्विंटल मछलियां पकड़ी गई है।
Maun Fair Of Jaunpur :
ऐसे हुई थी शुरूआत :
बता दें कि जौनपुर का ऐतिहासिक मौण मेला दशकों से आयोजित होता है। दरअसल टिहरी नरेश नरेंद्र शाह ने साल 1876 में इसकी शुरुआत की थी। कहा जाता है कि टिहरी नरेश ने अगलाड़ नदी में आकर मौण टिमरु का पाउडर डाला था। जिसके बाद यहां निरंतर मेला आयोजित किया जाता है और इसमें राज परिवार के लोग भी शामिल हुआ करते थे।
Maun Fair Of Jaunpur : इसी परंपरा को निभाते हुए आज भी जौनपुर के लोग इस मेले का आयोजन करते हैं साथ ही सबसे ज्यादा मछलियां पकड़ने वाले को पुरस्कार भी मिलता है।
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