Navratri 7th Day Maa Kaalratri

Navratri 7th Day Maa Kaalratri : आज होगी मां कालरात्रि की पूजा, मां के प्रिय मंत्र ,पूजा विधि, रंग जानें

उत्तराखंड गढ़वाल/कुमाऊं देवभूमि पोलखोल धर्म/संस्कृति पर्यटन विशेष
News Uttarakhand
Navratri 7th Day Maa Kaalratri : मान्यता है कि इस दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। । जानें नवरात्रि के सातवें दिन का प्रिय पुष्प, भोग व मंत्र-

Navratri 7th Day Maa Kaalratri : 

Navratri 7th Day Maa Kaalratri

नवरात्रि के सातवें दिन को दुर्गा सप्तमी के नाम से भी जानते हैं चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन 8 अप्रैल, शुक्रवार को है। । इस दिन मां कालरात्रि की पूजन का विधान है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मां कालरात्रि की पूजा करने वाले भक्तों पर मां दुर्गा की विशेष कृपा बनी रहती है।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं।

मां कालरात्रि का स्वरूप-

Navratri 7th Day Maa Kaalratri : उनके एक हाथ में खड्ग (तलवार), दूसरे लौह शस्त्र, तीसरे हाथ में वरमुद्रा और चौथा हाथ अभय मुद्रा में हैं ,मां कालरात्रि के चार हाथ हैं। । मां कालरात्रि का वाहन गर्दभ है।मान्यता है कि मां कालरात्रि को लाल रंग प्रिय है। इसलिए पूजा के समय लाल रंग का गुलाब या गुड़हल अर्पित करना चाहिए। मां कालरात्रि का प्रिय रंग और पुष्प- मां कालरात्रि को रातरानी का पुष्प अर्पित करना शुभ माना जाता है।

Navratri 7th Day Maa Kaalratri

मां कालरात्रि पूजन विधि-

माता रानी को अक्षत, पुष्प, धूप, गंधक और गुड़ आदि का भोग लगाएं। मां कालरात्रि को रातरानी पुष्प अतिप्रिय है। नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि का पूजन किया जाता है।  पूजन के बाद मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करना चाहिए। व अंत में आरती उतारें।

मां कालरात्रि के मंत्र-

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

एक वेधी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।।

वामपदोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी।।

Navratri 7th Day Maa Kaalratri : 

Navratri 7th Day Maa Kaalratri

मां कालरात्रि की आरती –

कालरात्रि जय-जय-महाकाली।
काल के मुह से बचाने वाली॥

दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतार॥

पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥

खडग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥

कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥

सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥

रक्तदंता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥

ना कोई चिंता रहे बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥

उस पर कभी कष्ट ना आवें।
महाकाली माँ जिसे बचाबे॥

तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥

Navratri 7th Day Maa Kaalratri

ये भी पढ़ें :  चारधाम यात्रा से पहले व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे मुख्य सचिव

Leave a Reply

Your email address will not be published.