Uttarakhand’s Golu Devta Temple : उत्तराखंड को ऋग्वेद में देवभूमि कहा गया है ऐसी भूमि जहां देवी-देवता निवास करते हैं। उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता हैं। वही देवभूमि उत्तराखंड की गोद में बसे अल्मोड़ा जिले में स्थिति चितई गोलू गोल्ज्यू देवता का मंदिर हैं जो अल्मोड़ा पिथौरागढ़ हाईवे पर अल्मोड़ा से करीब नौ किमी की दूरी पर यह मंदिर स्थिति हैं। है। इस मंदिर को चिट्टियो और घंटियों का मंदिर भी कहा जाता है।
उत्तराखंड के गोलू देवता को न्याय का देवता क्यों कहा जाता हैं ।
Uttarakhand’s Golu Devta Temple : उत्तराखंड में गोलू देवता के कई मंदिर है लेकिन इनमें से सबसे लोकप्रिया और आस्था का केंन्द्र अल्मोड़ा का स्थिति चितई गोलू देवता का मंदिर माना जाता हैं। प्रतिवर्ष कही श्रद्धालु देश विदेश यहां आते है। वही इस मंदिर में हजारों अभ्दुत घंटियों और आवेदन पत्र का संग्रह हैं, यहां लोग अपनी मनोकामना एक आवेदन पत्र लिखकर अपनी बात रखते है। तथा जिन लोगों की मनोकामना पूरी जाती है वे यहां घंटी चढ़ाते हैं।
Uttarakhand’s Golu Devta Temple : यानी मंदिर की घंटिया यह दर्शाती है कि लोगों को न्याय मिलने या उनकी मनोकामना पूरी होनी का गवाह है। कही लोग तो स्टाम्प पेपर पर लिखकर अपनी बात रखते है जिससे उन्हें न्याय मिल सके। तथा यह मंदिर त्वरित न्याय के लिए स्थानीय लोगों में प्रसिद्ध है।
Uttarakhand’s Golu Devta Temple :
जाने गोलू देवता मंदिर का इतिहास।
Uttarakhand’s Golu Devta Temple : कही कहानी के मुताबिक माना जाता हैं गोलू देवता गौर भैरव, शिव का एक रूप है। जो कि गोलू देवता के अवतार में पूजा जाता हैं। कत्यूरी राजा हालराई की संतान ना होने पर वह अपने कुल देवता गौर भैरव की आराधना करि, ताकि उन्हें संतान की प्राप्ति हो सके। राजा की आराधना से खुश होकर गौर भैरव ने उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा की वे खुद राजा के घर पुत्र के रूप में जन्म लेंगे तथा उनका जन्म राजा की सात रानियों से नहीं बल्कि उन्हें आठवा विवाह करना होगा जो स्थानीय पंचनाम देवताओं की बहन कालिंगा से करनी होगी।
Uttarakhand’s Golu Devta Temple : एक अन्य कहानी के मुताबिक गोलू देवता चंद राजा, बाज बहादुर ( 1638-1678 ) की सेना के एक जनरल थे और किसी युद्ध में वीरता प्रदर्शित करते हुए उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके सम्मान में ही अल्मोड़ा में चितई मंदिर की स्थापना की गई।पहाड़ी पर बसा यह मंदिर चीड़ और मिमोसा के घने जंगलों से घिरा हुआ हैं।
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