52 Garh Of Uttarakhand : जहां उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता हैं वहीं यहॉं का अपने में एक गौरवशली 52 गढ़ का इतिहास है। जिस कि वजह से गढवाल को कभी 52 गढ़ों का देश कहा जाता था, कहावत है कि किसी समय में ब्रिटिश सेना उत्तराखंड के शूर-वीरो से डरती थी। जहाँ से वीर कफ्फू चौहान,तीलू रौतेला जैसे अनगिनत वीरांगनाये व भड निकले। जिस वजह से उत्तराखंड के यह 52 गढ़ प्रसिद्ध हे जिन को जान कर आपको उत्तराखंडी होने पर गर्व होगा।
52 Garh Of Uttarakhand :
1. चाँदपुर गढ़ (स्थान:— चाँदपुर)
चाँदपुर गढ़ का इतिहास ही अपने आप में लोकप्रिय व एतिहासिक रहा है।
खश गढ़पति सूर्यवंशीय भानुप्रताप पाल की राजधानी उसके बाद पँवार वंश के संस्थापक
कनकपाल की राजधानी रही।
इसी वंशावली के अनुसार यहाँ 37वे पँवार नरेशों ने शासन किया था ।
2. नागपुरगढ़ (स्थान:— नागपुर)
ये जौनपुर परगना में था। यहां नागदेवता का मंदिर है। यहां का अंतिम राजा भजनसिंह हुआ
था। यह नाग जाती से सम्बंधित जाती के लोगो का गढ़ था।
3. कोल्लीगढ़ (स्थान:— बछणस्यूं)
यह बछवाण बिष्ट जाति के लोगो का गढ़ था। यह गढ़ बछ्वाण ठाकुरी के अंतर्गत रहा है।
4. फल्याणगढ़ (स्थान:— फल्दाकोट)
यह फल्दकोट में था और फल्याण जाति के बाहमणों का गढ़ था। इस गढ़ को शमशेर सिंह
नें फल्याण ब्राह्मणों को दान दे दिया था।
52 Garh Of Uttarakhand :
5. रवाणगढ़ (स्थान:— बद्रीनाथ के निकट)
यह बद्रीनाथ के मार्ग में पड़ता है, और रवाणी जाति का होने के कारण इसका नाम रवाणगढ़
पड़ा।
6. कुइली गढ़ (स्थान:— कुइली)
टिहरी गढवाल में सजवाण जाति का गढ़ , जिसे जौरासी गढ़ भी कहते हैं। सरू की प्रेम
कहानी के लिये भी प्रसिद्ध हुआ था। इसके राजा भगत सिंह सजवाण थे।
7. बांगर गढ़ (स्थान:— बांगर गढ़)
यह नागवंशी राणा जाति का गढ़ था। माना जाता है कि एक बार घिरवाण खसिया जाति ने भी
इस पर अधिकार जमाया था
8. भरपूर गढ़ (स्थान:— भरपूर गढ़)
यह सजवाण जाति का गढ़ था। यहां के अंतिम थोकदार यानि गढ़ प्रमुख गोविंद सिंह
सजवाण थे।
52 Garh Of Uttarakhand :
9. कुजणी गढ़ (स्थान:— कुजणी गढ़)
यह भी सजवाण जाति से जुड़ा है, यहां के आखिरी थोकदार सुल्तान सिंह थे।
10. सिल गढ़ (स्थान:— सिल गढ़)
यह भी सजवाण जाति का गढ़ था। जिसका अंतिम राजा सवलसिंंह था।
11. मुंगरा गढ़ (स्थान:— रंवाई)
रंवाई स्थित यह गढ़ रावत जाति का था। यहां रौतेले रहते थे।
12. रैका गढ़ (स्थान:— रैका गढ़)
यह रमोला जाति का गढ़ था।
13. मोल्या गढ़ (स्थान:— रमोली)
यह रमोला जाति का गढ़ था।
14. उपुगढ़ (स्थान:— उदयपुर)
यह गढ़ चौहान जाति का था।
15. सांकरीगढ़ (स्थान:— रंवाई)
यह गढ़ राणा जाति का था।
16. रामी गढ़ (स्थान:— शिमला)
यह रावत जाति का गढ़ था।
52 Garh Of Uttarakhand :
17. बिराल्टा गढ़ (स्थान:— जौनपुर)
यह रावत जाति का ही गढ़ था इस के अंतिम थोकदार भूपसिंह था
18. इडिया गढ़ (स्थान:— रंवाई बडकोट)
यहां इडिया जाति के लोग रहते थे। रूपचंद नाम के एक सरदार ने इस गढ़ को तहस नहस
कर दिया था।
19. बाग गढ़ (स्थान:— गंगा सलाणा)
यह बागूणी नेगी जाति का गढ़ था। इस नेगी जाति का बागणी भी कहा जाता था।
20. गढ़कोट गढ़ (स्थान:— मल्ला ढांगू)
यह गढ़ बगड़वाल बिष्ट जाति का था। नेगी की तरह बिष्ट जाति के भी अलग अलग स्थानों
के कारण भिन्न स्वरूप हैं।
21. चौंडा गढ़ (स्थान:— चांदपुर)
चौंडाल जाति का ये गढ़ शीली चांदपुर में था।
22. राणी गढ़ (स्थान:— राणी गढ़ पट्टी)
खासी जाति का यह गढ़ राणीगढ़ पट्टी में पड़ता था। इसकी स्थापना एक रानी ने की थी
और इसलिए इसे राणी गढ़ कहा जाने लगा था।
52 Garh Of Uttarakhand :
23. तोप गढ़ (स्थान:— चांदपुर)
यह तोपाल जाति का था इस वंश के तुलसिंह ने तोप बनायी थी और इसलिए इसे तोप गढ़
कहा जाने लगा था। तोपाल जाति का नाम भी इसी कारण पड़ा था।
24. श्रीगुरुगढ़ (स्थान:— सलाण)
यह गढ पडियार जाति का था। इन्हें अब परिहार कहा जाता है जो राजस्थान की प्रमुख जाति
है। यहां का अंतिम राजा विनोद सिंह था।
25. बधाण गढ़ (स्थान:— बधाणगढ़)
बधाणी जाति का यह गढ़ पिंडर नदी के ऊपर स्थित था।
26. लोहबा गढ़ (स्थान:— लोहबागढ़)
पहाड़ में नेगी सुनने में एक जाति लगती है लेकिन इसके कई स्वरूप हैं। इस गढ़ के
दिमेवर सिंह और प्रमोद सिंह वीर और साहसी थे।
52 Garh Of Uttarakhand :
27. रतनगढ़ (स्थान:— कुजणी)
कुंजणी में धमादा जाति का था। कुंजणी ब्रहमपुरी के ऊपर है।
28. चौंदकोट गढ़ (स्थान:— चौन्दकोट)
पौड़ी जिले के प्रसिद्ध गढ़ों में एक। यहां के लोगो को उनकी बुद्धिमत्ता और चतुराई के लिये
जाना जाता था। चौंदकोट गढ़ के अवशेष चौबट्टाखाल के ऊपर पहाड़ी पर अब भी दिख
जाते है।
29. नयाल गढ़ (स्थान:— कटूलस्यूं)
यह गढ़ नयाल जाति का था जिसका अंतिम सरदार का नाम भग्गु था।
30. अजमीर गढ़ (स्थान:— अजमेर पट्टी)
यह पयाल जाति का गढ़ था।
31. गड़तांग गढ़ (स्थान:— टकनौर)
ये भोटिया जाति गढ़ हैं। लेकिन यह किस वंश का था इसकी जानकारी नहीं मिल पायी थी
32. कंडारागढ़ गढ़ (स्थान:— नागपुर)
कंडारी जाति का यह गढ़ था इस गढ़ का अंतिम राजा नरवीर सिंह था। वह पंवार राजा से
पराजित हो गया था और हार के गम में मंदाकिनी नदी में डूब गया था।
52 Garh Of Uttarakhand :
33. लंगूरगढ़ (स्थान:— लंगूर पट्टी)
इस गढ़ में भैरों का प्रसिद्ध मंदिर है। लंगूरपट्टी में इसके निशान अभी भी हैं।
34. नालागढ़ (स्थान:— देहरादून)
देहरादून जिले में था जिसे बाद में नालागढ़ी के नाम से जाना जाने लगा।
35. दशोलीगढ़ (स्थान:— दशोली)
इस गढ़ को मानवर नाम के राजा ने प्रसिद्धि दिलायी थी।
36. एरासूगढ़ (स्थान:— श्रीनगर के पास)
यह गढ़ श्रीनगर के ऊपर स्थित था।
37. धौनागढ़ (स्थान:— इडवालस्यू पट्टीबनगढ़
इडवालस्यू पट्टी में धौन्याल जाति का गढ़ था।
38. बनगढ़ गढ़ (स्थान:— बनगढ़)
अलकनंदा के दक्षिण में स्थित बनगढ़ में स्थित था यह गढ़।
39. भरदार गढ़ (स्थान:— भरदारगढ़)
यह वनगढ़ के करीब स्थित था।
40. कांडा गढ़ (स्थान:— कांडा गढ़)
रावतस्यूं में था। रावत जाति का था।
41. सावलीगढ़ (स्थान:— सबली खाटली)
यह सबली खाटली में था।
52 Garh Of Uttarakhand :
42. गुजड़ूगढ़ (स्थान:— गुजड़ू गढ़)
यह गुुजड़ू परगने में था। इस गढ़ के अवशेष और सुरंग पुरातत्व महत्व के हैं।
43. देवलगढ़ (स्थान:— देवलगढ़)
यह देवलगढ़ परगने में था। इसे देवलराजा ने बनाया था।
44. जौंटगढ़ (स्थान:— जौनपुर)
यह जौनपुर परगना में था।
45. लोदगढ़ (स्थान:— देवलगढ़)
यह गढ़ लोदी जाति का था।
46. जौंलपुर गढ़ (स्थान:— देवलगढ़)
47. चम्पा गढ़ (स्थान:— देवलगढ़)
48. डोडराक्वांरा गढ़ (स्थान:— देवलगढ़)
यह राणा जाति का गढ़ था।
52 Garh Of Uttarakhand :
49. भुवना गढ़ (स्थान:— देवलगढ़)
50. लोदन गढ़ (स्थान:— देवलगढ़)
51. बदलपुर गढ़ (स्थान:— बदलपुरगढ़)
पौड़ी जिले के बदलपुर में था।
52. संगेलागढ़ (स्थान:— नैल चामी)
संगेला बिष्ट जाति का था यह गढ़ नैल चामी में था।
52 Garh Of Uttarakhand : कहा जाता है गढ़वाल क्षेत्र को छोटी — छोटी ईकाईयों में बाटा गया था उन्हीं ईकाईयों में से एक
चॉंदपुर गढ़ का पंवार राजवंश भी था। इस वंश के शासकों ने धीरे—धीरे गढ़वाल के छोटे— छोटे सामंतो व राजाओं को पराजित कर गढ़वाल को एक सूत्र में बॉंधकर गढ़ राज्य की स्थापना की थी । उत्तराखंड के अतुलनीय इतिहास को पढ़ कर आपको उत्तराखंडी होने पर गर्व होगा ।
52 Garh Of Uttarakhand :
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