7 Tal In Uttarakhand

7 Tal In Uttarakhand : उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित अनोखा और खूबसूरत सौन्दर्य से भरे ‘सातताल’ के बारे में : जानिए

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7 Tal In Uttarakhand : उत्तराखंड में स्थित सातताल है यह कुमाऊँ के सभी तालों में से सबसे अनोखा और खूबसूरत सौन्दर्य ताल है। जो वहां किसी दूसरे ताल का नहीं है। यह घने बांज के वृक्षों से घिरा है इस स्थान पर सात झीलों का एक समूह है। सातताल झील नैनीताल से 23 किलोमीटर की दुरी पर स्थित एक खूबसूरत झील है। इस झील तक पहुॅंचने का मुख्य रास्ता भीमताल से है। भीमताल से सातताल की दुरी केवल 4 किलोमीटर हैं। आजकल सातताल के लिए एक नया रास्ता माहरागांव से बनाया गया है। माहरागांव से सातताल केवल 7 किलोमीटर दूर पर है।

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7 Tal In Uttarakhand : इस ताल में नौका से जाने वालों के लिए विशेष सुविधाए प्रदान की गयी है। उत्तराखंड में बहुत सारे पर्यटन स्थल है और सभी पर्यटन स्थल के पीछे कोई ना कोई पौराणिक या एतिहासिक कथा जुडी हुयी है। यह समुद्रतल से 1370 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। तथा इनमेंं से कुछ झीलेंं अब विलुप्त हो गयी हैं । इस स्थान की तुलना इग्लैंड के वैस्ट्मोरलैण्ड से की जाती है। इस ताल की विशेषता यह है कि लगातार सात तालों का सिलसिला इससे जुड़ा हुआ है। इसीलिए इसे ‘सातताल’ कहते है।

7 Tal In Uttarakhand :

सातताल को पर्यटन विभाग की ओर से प्रमुख सैलानी क्षेत्र घोषित किया गया है। ‘सातताल’ में उपस्थित सात ताल के नाम तथा उनके पौराणिक कथा :—

1. नल-दमयन्ती ताल

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पौराणिक कथा :— पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत काल में एक प्रसिद्ध राजा थे जिनका नाम था नल और उनकी पत्नी का नाम दमयन्ती था। किसी कारण से अपने भाई पुष्कर के द्वारा चौदह वर्ष के लिए राज्य निष्कासन की सजा सुनाये जाने के कारण “नल और दमयन्ती” गरीब और दयनीय हालत में दर-दर भटकते रहे । भटकते भटकते हुए “नल और दमयन्ती” ने सातताल क्षेत्र के शान्त वातावरण में शरण ली और अपने वनवास के दिन व्यतीत करे। उन्ही के नाम पर इस क्षेत्र में एक ताल भी है ।जिसका नाम “नल-दमयन्ती ताल” हैं।

7 Tal In Uttarakhand :  कहा जाता इसमें कभी—कभी कटी हुई मछलियों के अंग दिखाई देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अपने जीवन के कठोरतम दिनों मे नल दमयन्ती इस ताल के समीप निवास करते थे जिन मछलियों को उन्होंने काटकर कढ़ई मे डाला था वे उड़ गयी थी कहते हैं उस ताल में वही कटी हुई मछलियॉं दिखाई देती है।

2. गरुड़ ताल

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7 Tal In Uttarakhand : इसके बाद गरुड़ ताल पड़ती है। यह छोटी सा ताल है और इसका पानी बहुत साफ़ है। स्थानीया लोगों का कहना है कि इस ताल के पास पांडव अपने वनवास के दैरान रहे थे। तथा इस दौरान द्रौपदी ने य​हॉं अपनी रसोई बनाई थी। द्रौपदी द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले सिल-बट्टा आज भी यहॉं मौजूद है। ऐसी स्थानीया लोगों की मान्यता है।

3.राम ताल,

4.लक्ष्मण ताल,

5. सीता ताल

7 Tal In Uttarakhand : गरुड़ ताल से कुछ आगे राम, लक्ष्मण, सीता ताल है। यह सबसे बड़ा ताल है जिसमें तीनों ताल एक साथ जुड़ी हुई है। कहा जाता है। कि यहॉं पर राम, लक्ष्मण, सीता रहा करते थे। तथा भीम ने हिडिंबा राक्षसी का अंत किया था

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6. सूखा ताल

7. पूर्ण ताल

सूखा ताल और पूर्ण ताल झीलों का अस्तित्व लापरवाहियों के चलते अब समाप्त हो गया ​​हैं। यहॉं ए​क प्राचीन चर्च भी हैं जो अपने शिल्प के लिए काफी मशहूर ​है ।

7 Tal In Uttarakhand : इन तालों की विशेषता यह है कि लगातार सात तालों का सिलसिला इनसे जुड़ा हुआ है। इसीलिए इसे ‘सातताल’ कहते है। नैसर्गिक सुन्दरता के लिए यह ताल प्रसिद्ध है वहाँ मानव की कला के लिए भी विख्यात है। यही कारण है कि कुमाऊँ क्षेत्र के सभी तालों में यह ताल सर्वोत्तम है।

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