Myth Of Badrinath Vidhansabha Seat

Myth Of Badrinath Vidhansabha Seat : बद्रीनाथ सीट पर इस बार आमने-सामने महेन्द्र और राजेन्द्र, क्या टूटेगा इस सीट का मिथक या रहेगा बरकरार

उत्तराखंड गढ़वाल/कुमाऊं चमोली देवभूमि पोलखोल मिशन २०२२ विशेष
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Myth Of Badrinath Vidhansabha Seat : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इस बार भी बद्रीनाथ सीट ​काफी अहम रहने वाली है। इस सीट को लेकर एक मिथक आज भी बरकरार है की इस सीट से जिस भी पार्टी का विधायक निर्वाचित होता है प्रदेश में उसी पार्टी की सरकार बनती है। ऐसे में इस बार इस सीट से जहां एक बार फिर भाजपा ने महेन्द्र भट्ट को मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने राजेन्द्र भंडारी को उनके सामने खड़ा किया है।

Myth Of Badrinath Vidhansabha Seat

इस सीट से निर्वाचित विधायक के दल की ही बनती है सरकार : 

Myth Of Badrinath Vidhansabha Seat : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए ​चुनिंदा दिन ही बाकी बचे हैं ऐसे में राज्य की एक सीट ऐसी भी है जो पार्टी का भाग्य मानी जाती है। ऐसा माना जाता है की इस सीट से जिस भी पार्टी का विधायक चुना जाता है उसी पार्टी की राज्य में सरकार भी बनती है। जी हां राज्य की बद्रीनाथ सीट से राज्य गठन के बाद जिस भी पार्टी का विधायक निर्वाचित हुआ है उसी पार्टी की सरकार राज्य में बनी है। ऐसे में ये सीट जितना अपने आप ही सभी प्रत्याशियों के लिए अहम हो जाती है।

Myth Of Badrinath Vidhansabha Seat : 

Myth Of Badrinath Vidhansabha Seat

बद्रीनाथ ​सीट का इतिहास है बेहद खास :

बता दें कि परिसीमन के बाद 1998 में बद्रीनाथ सीट अस्तित्व में आई थी। इससे पहले यह सिट बद्री केदार विधानसभा सीट के नाम से जानी जाती थी जिसमें रुद्रप्रयाग की केदारघाटी भी सम्मिलित थी। बद्रीनाथ में परिसीमन के बाद नंदप्रयाग को भी बद्रीनाथ सीट में ही शामिल कर लिया गया था। यदी इस सीट के इतिहास की बात करें तो——

Myth Of Badrinath Vidhansabha Seat : 

Myth Of Badrinath Vidhansabha Seat

बद्रीनाथ सीट का इतिहास——

2002 में कांग्रेस के अनुसूया प्रसाद भट्ट हुए विजयी
2007 में बीजेपी के केदार सिंह फोनिया की हुई जीत
2012 में कांग्रेस के राजेन्द्र सिंह भंडारी ने की फतह हांसिल
2017 में भाजपा के महेन्द्र भट्ट प्रचंण बहुमत से हुए विजयी

Myth Of Badrinath Vidhansabha Seat : 

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102128 मतदाता होंगे प्रत्याशियों के भाग्यविधाता :

विधानसभा चुनाव 2022 के लिए जहां एक बार फिर भाजपा ने महेन्द्र भट्ट पर ही भरोसा जताकर उन्हें मैदान में उतारा है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने राजेन्द्र भंडारी को मैदान में उतारा है। यदी इस सीट के लिए कुल मतदाताओं की बात करें तो यहां पुरूष मतदाताओं की संख्या 52626 है जबकि महिला मतदाताओं की बात करें तो उनकी संख्या 49499 है इसके अलावा इस सीट पर तीन अन्य मतदाताओं को मिलाकर कुल मतदाओं की संख्या 102128 है जो इस बार प्रतयाशियों के भाग्य विधाता होंगे।

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