A Tough Challenge For Dhami : ये कहावत तो आपने सुनी होगी की हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं जी हां कुछ ऐसा ही कर दिखाया पुष्कर सिंह धामी ने भी जो भले ही खटीमा से चुनाव हार गए हों लेकिन सीएम रेस में फस्ट आकर पुष्कर सिंह धामी एक बार फिर राज्य के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं।
खटीमा से हारने के बाद भी बने उत्तराखंड के सीएम :
A Tough Challenge For Dhami : खटीमा सीट से मिली हार के बाद भी एक बार फिर उत्तराखंड में धामी के नाम पर हाईकमान ने हामी भर दी है जिससे ये साफ हो गया है की एक बार फिर से सरकार का नेतृत्व सीएम के तौर पर पुष्कर सिंह धामी ही करेंगे। ऐसे में यदी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की बात करें तो पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनावी मैदान में उतरे थे जिसमें कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने धामी को 6951 मतों के भारी अंतर से शिकस्त दी थी।
A Tough Challenge For Dhami :
हांलकि इससे पहले 2017 के चुनाव की बात करें तो पुष्कर सिंह धामी का मुकाबल पहले भी भुवन कापड़ी से ही हुआ था जिसमें धामी ने कापड़ी को 2700 मतों के अंतर से हराया था। लेकिन इस बार पुष्कर सिंह धामी चुनाव में फतह हांसिल नहीं कर सके लेकिन सीएम पद की रेस में जीतकर एक बार फिर पुष्कर सिंह धामी राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे।
23 मार्च को पुष्कर सिंह धामी लेंगे सीएम पद की शपथ :
A Tough Challenge For Dhami : मुख्यमंत्री पद के लिए भले ही पुष्कर सिंह धामी का नाम चुन लिया गया हो लेकिन अभी भी धामी की मुश्किलें कम नहीं है। जी हां सीएम पद पर बने रहने के लिए पुष्कर सिंह धामी को एक अग्नि परिक्षा से और गुजरना होगा। उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में 23 मार्च को पुष्कर सिंह धामी शपथ लेंगे लेकिन सीएम बनने के बाद भी पुष्कर सिंह धामी के लिए राह आसान नहीं होने वाली है।
बता दें की संवैधानिक बाध्यता के चलते पुष्कर सिंह धामी को सीएम पद पर बने रहने के लिए 6 माह के भीतर किसी भी विधानसभा से विधायक निर्वाचित होना पड़ेगा। यदी ऐसा नहीं होता है तो एक बार फिर उत्तराखंड पिछली सरकार की तरह स्थितियां बनती हुई दिखाई दे सकती है।
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