IAS Deepak Rawat : उत्तराखंड में कई जिलों का प्रभार संभालने से लेकर कुंभ को सफलता पूर्ण संपन्न कराने के बाद अब शासन ने एक बार फिर आईएएस दीपक रावत को बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है शासन ने पिटकुल के बाद कमिश्नर कुमाऊं की बड़ी जिम्मेदारी दीपक रावत के कंधों पर डाल दी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जो दीपक रावत आज उत्तराखंड की इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं वो एक समय में स्कूल का होमवर्क तक नहीं करके जाते थे जिसकी वजह से उन्हें टीचरों की काफी डांट सुनने को मिलती थी।
मूल रूप से मसूरी के रहने वाले हैं दीपक रावत :
IAS Deepak Rawat : दीपक रावत का जन्म 24 सितम्बर 1977 को हुआ था। वे मूल रूप से उत्तराखंड के मसूरी के रहने वाले हैं। एक इंटरव्यूह में दीपक ने अपनी स्कूली शिक्षा के बारे में बात करते हुए बताया था कि उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मसूरी के ST.GEORGES कॉलेज से पूरी की और वे अपने स्कूली दिनों कभी स्कूल का होमवर्क करके नहीं जाते थे जिस कारण उन्हें टीचरों की काफी डांट सुनने को मिलती थी।
दिल्ली से की आगे की पढ़ाई :
ST.GEORGES कॉलेज से 12वीं पास करने का बाद वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिल्ली चले गए जहां से उन्होंने अपनी ग्रेजुशन दिल्ली के हंसराज कॉलेज से पूरी की और बाद में दीपक ने JNU से इतिहास में PG किया। पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद दीपक ने वो राह चुनी जिसके बूते पर आज वो युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। दीपक ने इसके बाद यूपीएससी की तैयारी की जिसमें 2005 में इंडियन रेवन्यू सर्विस के लिए वह चुने गए और उन्होंने फिर 2007 में यूपीएससी में 12वीं रैंक हांसिल की।
IAS Deepak Rawat :
जीवन में हमें रहना चाहिए न्यूट्रल :
IAS Deepak Rawat : एक कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करते हुए दीपक ने एक बार बताया था कि आईएएस बनने के सफर की शुरूवात में जब दीपक ने इंटरव्यू दिया तो उस समय उनसे बोर्ड के एक सदस्य ने पूछा था कि जीरो से हम क्या सीख सकते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए दीपक ने कहा कि जीरो हमें सिखाता है कि हमें न्यूट्रल रहना चाहिए
IAS Deepak Rawat : साथ ही दीपक ने जीरो का पूरा महत्व बताते हुए कहा कि जीरो में कोई अंक जोड़ दो तो भी वहीं रहता है, जीरो से कुछ घटा दो तो भी अंक वहीं रहता है और उसकी वैल्यू नहीं घटती है। इसलिए जीरो ही हमें न्यूट्रल रहना सिखाता है। उनके इस जवाब से बोर्ड के मेंबर काफी प्रभावित हुए थे।
2012 बैच से पास आउट हैं दीपक रावत :
IAS Deepak Rawat : 2012 बैच से पास आउट होने के बाद दीपक रावत ने अपनी जिन्दगी में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा उन्होंने अपने कार्यकाल में हरिद्वार और नैनीताल का प्रभार संभाला उससे पहले दीपक रावत कुमाऊ मंडल विकास निगम के एमडी भी रहे जिसके बाद उन्होंने कुंभ मेलाअधिकारी के रूप में कुंभ को सफलता पूर्ण संपन्न कराया तो वहीं जब उन्होंने उर्जा भवन के एमडी के रूप में कार्यभार संभाला तो उस समय उर्जा कर्मचारी हड़ताल पर थे
IAS Deepak Rawat : जिनको अपनी सूझबूझ से शांत करवाकर उन्होंने सफलता पूर्वक उर्जा कर्मचारियों की हड़ताल भी खत्म कराने का काम किया। दीपक की इसी सूझबूझ और कार्यनिष्ठा के कारण एक बार फिर शासन ने उन्हें कुमाऊं कमिश्नर की बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है। ऐसे में देखने वाली बात ये होगी की इस जिम्मेदारी को दीपक किस तरीके से संभालते हैं।
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