Liquor Contract Became A Loss Deal : एक दौर ऐसा भी था जब शराब के कारोबारियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई होती थी। इतना ही नहीं उस समय शराब की दुकानों की टेंडर प्रक्रिया में बोली लगाने के लिए शराब कारोबारी आपस में मर मिटने को तैयार हो जाते थे लेकिन समय बीत गया और आज हालत ये बन गए है कि अब शराब कारोबारी ठेका लेने से मुहं मोड़ रहे है। आलम ये है कि सरकार के लिए भी ये शराब का ठेका घाटे का सौदा बनता हुआ दिखाई दे रहा है ।
Liquor Contract Became A Loss Deal :
सरकार को हो रहा करोड़ों का घाटा :
सरकार द्वारा आवंटित शराब की दुकानों को चलाने के लिए ठेकेदार न मिलना अब सरकार के लिए भी मुसिबत का सबब बनता जा रहा है। ऐसे में दुकान का खरीदार न मिलने से सरकार को करोड़ों रूपए का राजस्व का घाटा उठाना पड़ रहा है। संयुक्त आबकारी आयुक्त केके कांडपाल का कहना है कि अल्मोड़ा जनपद में पांच और उधमसिंह नगर में 8 जबकि पिथौरागढ़ में 1 दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया है लेकिन इन दुकानों को आवंटन करने के प्रयास लगातार किए जा रहे है ।
Liquor Contract Became A Loss Deal : उन्होंने कहा कि उधमसिंह नगर और नैनीताल में शराब से मिलने वाले अधिभार अभी ₹34 करोड़ रुपए बकाया है जिनको जमा करने और इनके खिलाफ दुकानों के निरस्तीकरण की कार्रवाई के लिए डीएम को पत्र भेजा दिया गया है।
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