Neelkanth Temple : उत्तराखंड को ऋग्वेद में देवभूमि कहा गया है ऐसी भूमि जहां देवी-देवता निवास करते हैं। उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता हैं। ऐसा ही देवभूमि उत्तराखंड में बसा ऋषिकेश का नीलकंठ महादेव मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल है। नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश के सबसे पूज्य मंदिरों में से एक है जहां हर समय भक्तों का तांता लगा रहता है।
Neelkanth Temple : क्या है यहां की पौराणिक मान्यताएंं
हिंदु मान्यताओं के अनुसार, हजारों साल पहले अमृत पाने की लालसा लिए देवताओं और असुरों के बीच समुद्रमंथन हुआ था। इस मंथन में अनेकों चीजें निकली। जिसे देवताओं और असुरों ने आपस में बांट लिया, इसी बीच मंथन से विष बाहर निकला। ऐसी मान्यता थी कि जब तक कोई विषपान नहीं कर देता, तब तक अमृत मंथन से बाहर नहीं आएगा।
Neelkanth Temple :
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सभी देवता और असुर एक-दूसरे को ताकने लगे। कोई भी विष को पीने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। तब भगवान शिव ने इसी स्थान पर समुद्र मंथन से निकला विष ग्रहण किया था। उसी समय उनकी पत्नी, पार्वती ने उनका गला दबाया जिससे कि विष उनके पेट तक नहीं पहुंचे। इस तरह, विष उनके गले में बना रहा। विषपान के बाद विष के प्रभाव से उनका गला नीला पड़ गया था। गला नीला पड़ने के कारण ही उन्हें नीलकंठ नाम से जाना गया था। अत्यन्त प्रभावशाली यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।