NEP 2020 Update : उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि वह राज्य में संचालित सभी शिक्षा बोर्डों के अधिकारियों एवं शिक्षाविदों के साथ विचार-विमर्श कर बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने का उपाय निकालेंगे। बच्चों के कंधे पर बस्ते के बढ़ते भार से उनका सर्वांगीण विकास रुक गया है। साथ ही उन्हें पुनर्रचनात्मक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यक्ता है जिससे उनका तनाव कम हो सके।
NEP 2020 Update : स्वास्थ्य पर प्रभाव
बीते बुधवार को देहरादून में उत्तराखंड अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय एवं एससीईआरटी की ओर से एनईपी-2020 के क्रियान्वयन एवं शैक्षणिक गुणवत्ता संवर्द्धन विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें बतौर मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.रावत मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्कूली बच्चों के बस्तों का बोझ उनके अपने वज़न से भी ज्यादा हो गया है। ऐसे में आवश्यक हो गया है कि उनके कंधों पर बढ़ रहे बोझ को कम किया जाए और उनके सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया जाए। जिसके लिए स्कूलों में एक दिन को ‘बैग फ्री डे‘ घोषित किया जाए जिससे बच्चे पुनर्रचनात्मक गतिविधियों में बिना कोई तनाव के हिस्सा ले पाएँ।
NEP 2020 Update : कौशलविकास संबंधी गतिविधियों पर जोर
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री आगे कहते हैं कि बच्चे कई बार लगातार पढ़ाई से ऊब जाते हैं, जिससे वह तनाव में आ जाते हैं। इस समस्या से निधान के लिए महीने में एक दिन को ‘बैग फ्री डे’ निर्धारित करते हुए उस दिन बच्चों को केवल खेल-कूद, वाद-विवाद प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही अन्य कौशल विकास संबंधी गतिविधियों में सम्मलित कराना चाहिए।
NEP 2020 Update : साथ ही उन्होंने मौजूदा विभागीय अधिकारियों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत भारतीय ज्ञान परम्परा पर आधारित विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल कर, ‘हमारी विरासत पुस्तक’ नाम से एक पाठ्य पुस्तक तैयार करने को कहा। इससे बच्चे अपने जनपद, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तरकी विरासत एवं ऐतिहासिक पुरुषों के बारे में जान सकेंगे।
NEP 2020 Update : जुलूस-प्रदर्शनों में बच्चे न हो शामिल
बता दें कि अब स्कूली बच्चों को जुलूस-प्रदर्शनों एवं विभाग से इतर अन्य गतिविधियों में शामिल न किए जाने पर विमर्श चल रहा है। प्रदेश के स्कूलों में 220 दिन अनिवार्य रूप से पठन-पाठन कराया जाएगा जिसके लिये मुख्यमंत्री अधिकारियों को नवीन शैक्षिणिक सत्र शुरू होने से पूर्व ही पूरी कार्ययोजना तैयार कर शैक्षिक कैलेंडर बनाने के निर्देश दे चुके हैं।