Time Travel In Uttarakhand

Time Travel In Uttarakhand : शख्स को सालों पहले हुआ अनहोनी घटना का आभास, टाइमट्रैवल की इस घटना से सब हैरान

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Time Travel In Uttarakhand : आपने टाइमट्रैवल शब्द अधिकांशता हॉलिवुड की फिल्मों में सुना होगा। एक किरदार होता है जो अपने वर्तमान से सीधे अतीत में या भविष्य में पहुँच जाता है। ऐसा वह एक यंत्र के सहारे करता है जिसे टाइम मशीन कहते हैं। अब ऐसा कोई यंत्र सचमें होता है या नहीं इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती किन्तु यह एक रोचक विषय है जिसमें बहुत से लोगों की दिलचस्पी बनी रहती है।

Time Travel In Uttarakhand : इस विषय में सिर्फ आम लोगों ने ही नहीं बल्कि कई मशहूर वैज्ञानिकों ने भी रूचि दिखाई है। जैसे मशहूर भौतिकी वैज्ञानिक और ब्लैक होल थ्योरीज़ के दाता ‘स्टीफ़न हौकिंग’ जिन्होंने टाइम ट्रैवल पर बहुत अध्ययन किया है। हाँलाकि इतने अध्ययन के बाद भी विज्ञान अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाया है। किन्तु कई बार कुछ घटनाएँ सामने आ जाती हैं जिससे टाइमट्रैवल मात्र ढकोसला नहीं पर भविषय में साबित होने वाली एक सच्चाई प्रतीत होती है। आज हम आपको ऐसी ही एक असाधारण घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जो उत्तराखण्ड के ही एक शख्स के साथ घटी ​थी।

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Time Travel In Uttarakhand :  नैनीताल में घटी थी घटना

घटना 13 अक्टूबर सन् 1965 की है जब 33 वर्षीय वासु भनोट अपने पैतृक गाँव सतराली के लिए पैदल निकले थे। वहाँ उनके चाचा जी का निवास था। जब वह सतराली से कुछ दूरी पर रुके तो उन्हें एक घनघोर कोहरे ने घेर लिया। पहाड़ों में ऐसे घने कोहरा का लगना आम बात है इसलिए उन्होंने ​इस बात पर ज्यादा ध्यान ना देते हुए अपनी पदयात्रा जारी रखी। लेकिन जैसे ही वह गाँव में दाखिल हुए उन्हें सब कुछ बदला—बदला सा नज़र आने लगा। वैसे तो वह साल में दो—तीन बार अपने पैतृक गाँव आते थे इसलिए गाँव की हर बात याद थी किन्तु इस बार उन्हें अपना गाँव पहचान में नहीं आ रहा था। गाँव में हर चीज़ आधुनिक लग रही थी। गाँव के बगल से गुजरने वाली नहर गायब हो गयी थी और रास्ते भी बदल गए थे। ऐसा लग रहा था मानो गाँव की काया पलट हो गयी हो।

 

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Time Travel In Uttarakhand :  इन सबसे परेशान हो​कर वासु भनोट जल्दी—जल्दी अपने चाचा जी के घर पहुँच कर उन्हें पुकारने लगे किन्तु अंदर से कोई बुजुर्ग व्यक्ति बाहर आए। उन व्यक्ति से चाचा जी के बारे में पूछने पर वासु को पता चला कि बुजुर्ग व्यक्ति पिछले 20 सालों से उस घर में रह रहे हैं और वह चाचा जी जैसे किसी भी शख्स को नहीे जानते हैं। वासु को ये सुनकर हैरानी हुई क्योंकि वह कुछ समय पहले ही अपने चाचा जी से मिलकर गया था। उसने गाँव के अन्य लोगों से पूछताछ की तो उसे पता चला कि उसके चाचा जी की मृत्यु 20 साल पहले ही हो चुकी है। यह सुनकर वासु का सर चकरा गया।

Time Travel In Uttarakhand : आनन—फानन में वापिस नैनीताल पहुँच कर उन्होंने पूरी घटना अपने पिता व स्थानीय पुलिस अधिकारियों को दी। अगले दिन वह सब सतराली के लिए निकल पड़े। किन्तु जैसे ही वह गाँव के नजदीक पहुँचे तो वासु के आश्चर्य का ठिकाना न रहा। सभी चीज़े पहले की तरह सामान्य हो गयी थी। वो नहर वो रास्ते सब वहीं थे। चाचा जी के घर पहुँचे तो वहाँ पर चाचा – चाची सभी सकुशल मिले। यह देखकर वासु आश्चर्यचकित था।

 

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वासु ने चाचा जी को भी सारी बात बताई। वासु की बातों पर किसी को भी यकीन नहीं हो पा रहा था। सभी को लगा यह उसका कोई भ्रम था। जल्द ही बात पूरे इलाके में फ़ैल गयी। उस समय के समाचार पत्रों में भी इस घटना का जिक्र किया गया। लेकिन कुछ वर्षों बाद एक और आश्चर्यजनक बात हुई। वासु की देखी हुई घटनाएँ सच हो गयी। उनके चाचा—चाची एक एक्सीडेंट में चल बसे। और गांव भी पहले के मुकाबले काफी आधुनिक हो गया। पानी की कमी के कारण गाँव का नहर भी सूख गया।

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