Unfulfilled Hope Of Saman Village : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में जनता को लुभाने के लिए कोई भी पार्टी कोर कसर नहीं छोड़ रही है और ऐसा इस बार ही नहीं हर बार होता है। जनता के बीच राजनेता आते हैं कई बड़े—बड़े वादे दावे करते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद ये वादे धरे के धरे रह जाते हैं इसी की बानगी टिहरी जनपद के समण गांव में भी देखने को मिल रही है जहां सड़क तो बनवा दी गई थी
लेकिन सड़क और गांव के बीच बह रही नदी पर पुल बनाना शायद शासन प्रशासन भूल गया। ऐसे में गांववालों के काम की ना तो सड़क ही है और नाहीं किसी प्रकार की सुविधा ही उन्हें मिल पा रही है।
गांव में 1200 लोगों ने किया चुनाव का बहिष्कार :
Unfulfilled Hope Of Saman Village : उत्तराखंड में कई ऐसे दुरूस्त गांव हैं जो सुविधाओं से वंचित होने के चलते आज भी समाज से कटे हुए हैं और समाज के इस कटे हुए भाग से मिलने के लिए राजनेता भी तभी पहुंचते हैं जब चुनाव का समय आता है उसके बाद ये भी ऐसे फुर्र हो जाते हैं जैसे फूल से मधुमक्खी रस लेने के बाद हो जाती है। ऐसा ही दुरूस्त गांव टिहरी जनपद का समण गांव भी हैं जहां 1200 वोटरों को लुभाने के लिए राजनेता तभी आते हैं जब चुनाव का समय आता है और बड़े—बड़े वादे दावे करके जीत हांसिल करने के बाद जनता को अपने हाल में छोड़ जाते हैं।
Unfulfilled Hope Of Saman Village :
Unfulfilled Hope Of Saman Village : दरहसल उत्तराखंड के दुरूस्त गांवों में से एक टिहरी जनपद के समण गांव में रहने वाले ग्रामीणों के चेहरे उस समय चमक उठे थे जब गांववालों के लिए 2015 में सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली और सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया गया उस वक्त लोगों को लगा था की जल्द ही हमारी परेशानियां दूर हो जाएंगी लेकिन उन्हें क्या पता था की ये अधूरी आस उनकी अधूरी ही रह जाएगी।
पिछले 4 सालों में नहीं बन पाया पुल :
Unfulfilled Hope Of Saman Village : समण गांव के ग्रामीणों से किए गए वादे के अनुसार शासन द्वारा सड़क तो बनवाई गई लेकिन गांव और सड़क के बीच बह रही विशाल नदी पर पुल का काम पिछले 4 साल बीतने के बाद भी अभी तक नहीं किया गया है। इस बीच ग्रामीणों द्वारा कई बार इसके बारे में शासन प्रशासन को चेताया गया लेकिन कभी फोन नहीं उठा तो कभी झूठे दिलासे ही ग्रामीणों को मिले।
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