Uttarakhand’s Tourist Destination Auli : उत्तराखंड के चमोली जिले में खुबसूरत पर्यटन स्थल औली , यह एक पवित्र स्थल है। इस स्थान को ‘औली बुग्याल’ के नाम से भी जाना जाता है। ‘औली बुग्याल’ अर्थात् घास के मैदान। यह 5-7 किलोमीटर में फैला छोटा सा स्की-रिसोर्ट है। औली को अगर खूबसूरती के लिहाज से देखा जाए तो प्रकृति ने इसकी खूबसूरती में कोई कमी नहीं छोड़ी है। स्थानीय लोगों के द्वारा औली को भारत का स्विट्ज़रलैंड कहा जाता है ।
Uttarakhand’s Tourist Destination Auli :
औली का इतिहास :
औली का इतिहास 8वीं शताब्दी का है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, गुरु आदि शंकराचार्य ने इस पवित्र स्थान का दौरा किया था। पर्यटक नंदादेवी, मन पर्वत और कामत पर्वत श्रृंखलाओं के अद्भुत दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। 1942 में अंग्रेजी डिप्टी कमिश्नर बर्नेडे औली पहुंचे और यहां की अलौकिक खुबसूरती से इतने प्रभावित हुए कि हर बार औली आए। 25 मार्च 1978 में यहां भारतीय पर्वतारोहण और स्कीइंग संस्थान की स्थापना हुई।
औली में घूमने लायक जगह :
यह समुद्रतल से 2500 मी० (8200 फीट) से 3050 मी० (10,010 फीट) तक की ऊंचाई पर स्थित है। औली में प्रकृति ने अपने सौन्दर्य को खुल कर बिखेरा है। बर्फ से ढकी चोटियों और ढलानों को देखकर मन प्रसन्न हो जाता है। यहाँ पर कपास जैसी मुलायम बर्फ पड़ती है आमतौर पर जनवरी से मार्च तक औली की ढलानों पर लगभग 3 मी० गहरी बर्फ की चादर बिछी होती है।
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औली रोपवे :— जोशीमठ से औली तक एशिया का सबसे लंबा रोपवे मार्ग स्थित है जिसकी दूरी 4.15 km है। औली में शानदार और राजसी हिमालयी दृश्य प्रस्तुत करते हुए औली रोपवे प्रमुख आकर्षण है। औली में मौजूद रोपवे को वर्ष 1993 में शुरू की गया था। यह रोपवे औली को जोशीमठ से जोड़ता है। जोशीमठ देवदार के घने जंगलों से होते हुए समुद्र से दस हजार फीट की ऊंचाई से ले जाते हुए औली ले जाती है ।
गुरसौं बुग्याल:— गुरसौं बुग्याल हरे घास के मैदान के लिए प्रसिद्ध है। यहां पहुंचने के लिए थोड़ा चढ़ना होगा परन्तु यहां पहुंच कर आप प्रकृति की खूबसूरती का आंनद ले सकते है । यह औली से 3 कम की दूरी पर स्थित है। यह वसंत के मौसम मे हरी घास की चादर ओढ़ लेती है और सर्दियों के मौसम में बर्फ की चादर ओढ़ लेती है। गुरसौं बुग्याल से नंदादेवी, त्रिशूल और द्रोण जैसी अन्य श्रेणियों को देख सकते हैं। जो अक्सर कई पर्यटकों को आकर्षित करती है।
त्रिशूल चोटी :— त्रिशूल पर्वत तीन चोटियों का समूह है इसलिए तीनों पर्वतों की चोटियों को देखते हुए भगवान शिव के अस्त्र त्रिशूल का नाम दिया गया है। त्रिशूल पर्वत को चमोली और बागेश्वर जिले से देखा जा सकता है । हाथी, घोड़ा और पालकी पहाड़ियों की श्रृंखला के कारण यह औली में एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है।
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चिनाब झील :— यह झील हरे भरे जंगल, ओक और देवदार के बीच में बनी है । चेनाब झील जोशीमठ के पास एक छोटी क्रिस्टलीय पानी की झील है। चिनाब झील की अछूती और बेरोक-टोक सुंदरता कई पर्यटकों को अछूते रास्ते की ओर आकर्षित करती है। जोशीमठ, डांग गांव के आखिरी गांव को पार करने के बाद चेनाब झील तक पहुंचा जा सकता है। बसंत के मौसम में इस झील की खूबसूरती देखते ही बनती है। चिनाब झील देखने में तो प्राकृतिक झील लगती है मगर ये एक कृत्रिम झील है जिसे पर्यटन के हिसाब से बनाया गया है।
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नंदा देवी पर्वत:— नंदा देवी पर्वत दुनिया की 23वीं सबसे ऊँची चोटी है। वहीं 7817 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ यह भारत की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है। औली से इस पर्वत चोटी का मनमोहक दृश्य देखने को मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह एक अत्यधिक धार्मिक स्थल है और दुनिया भर से कई भक्तों को आकर्षित करता है। यह एक लोकप्रिय ट्रेकिंग स्पॉट है जहां चारों ओर बर्फीली चोटियां हैं और चारों ओर देवदार के पेड़ हैं। नंदा देवी श्रृंखला पूर्व में गौरी गंगा तथा पश्चिम में ऋषिगंगा घाटियों के बीच स्थित है। इस पूरे क्षेत्र को नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया है जहां पर्यटक जैव विविधता का लुफ़्त उठा सकते है ।
Uttarakhand’s Tourist Destination Auli : सोलधर तपोवन:— औली में लगभग 3 किमी दूर एक गर्म पानी के झरने की मौजूद हैं। सोलधार तपोवन गर्म पानी के स्रोत के लिए लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। तपोवन का अर्थ अगर हम समझे तो तपोवन में तप का अर्थ ध्यान से है और वन का अर्थ जंगल । तपोवन जाते हुए आप एक अधिक शांत घाटी में पहुंचते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव को पतिरूप में पाने के लिये इसी जगह पार्वती ने कई वर्षों तक तप किया था। माता पार्वती की शिव को पति रूप में पाने की तपस्या यही सफल हुई थी।
औली ट्रैकिंग और स्कीइंग के लिए भी प्रसिद्ध हैं :
ट्रैकिंग:— ट्रैकिंग के शौकीन वक्तियो के लिए औली से कई खूबसूरत और एडवेंचर से भरे ट्रैकिंग मार्ग है। आप औली से दूनागिरी, मन पर्वत, नंदा देवी , कामेत जैसे लंबे ट्रैकिंग मार्ग चुन सकते है या फिर रेंज गोर्सन, टाली, कुआरी पास, खुलारा और तपोवन जैसे छोटे ट्रैकिंग मार्ग भी चुन सकते है ।
स्कीइंग :— भारत में साहसिक प्रेमियों के लिए औली सबसे अच्छी स्कीइंग जगह है। औली (1917-3027 मीटर) – भारत में तीन सबसे प्रसिद्ध स्की रिजॉर्ट में से एक है। बड़े पैमाने पर बर्फ से ढके क्षेत्र में, जहां इसे बनाया गया था और भारतीय सेना के एक समय के हिस्से में खोला गया था। एशिया में सबसे अच्छी स्की ढलान और सबसे लंबी 4 किमी है ।
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