UKSSSC Paper Leak Case

UKSSSC Paper Leak Case : SIT की कमजोर पैरवी पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, यशपाल आर्य ने पूछे सवाल

उत्तराखंड क्राइम गढ़वाल/कुमाऊं राजनीति
News Uttarakhand

UKSSSC Paper Leak Case : Uksssc परीक्षा पेपर लीक मामले में अब SIT की जांच कटघरे में खड़ी होती हुई दिखाई दे रही है। इस मामले में कोर्ट से मिली 18 आरोपियों की जमानत पर कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि sit की कमजोर पैरवी के चलते इस मामले में एक के बाद आरोपियों को जमानत मिलना सवाल खड़े कर रहा है।

UKSSSC Paper Leak Case :  UKSSSC Paper Leak Case 18 आरोपियों को मिली जमानत :

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि, स्नातक स्तर की परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजे गए आधे से अधिक अभियुक्तों के जमानत पर छूटने से इस मामले में संघर्ष कर रहे बेरोजगार युवाओं और कांग्रेस सहित सभी विपक्षी की आशंकाएं सत्य सिद्ध हो रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि “नकल सिंडिकेट का सीधा संबंध सत्ता दल और राज्य के उच्च अधिकारियों से निकला था मामला खुलने के बाद ही उनमें से कुछ का सत्ता दल से निष्कासन भी किया गया था इसलिए राज्य के हर जागरूक नागरिक का मानना था कि , देर-सबेर कानूनी पेचीदगियों में फंसा कर इस नकल गिरोह को बचाया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि , “राज्य के इतिहास में पकड़े गए सबसे बड़े नकल के इस मामले के अभियुक्तों की जमानत साधारण मामलों से आसानी और जल्दी होने के बाद विपक्ष के आरोपों और जनता की आशंकाओं की पुष्टि हुई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जनता और बेरोजगार सब जानते थे कि जांच और गिरफ्तारियों के नाम पर उनकी आंखों में धूल झोंकी जा रही है इसलिए मामला खुलने के बाद से ही नकल और पेपर लीक के सभी मामलों की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की जा रही थी। उन्होंने कहा कि , इस पेपर लीक घोटाले में सरकार असली गिरोह और उसे राजनीतिक संरक्षण देने वालों को बचाना चाहती थी इसलिए सरकार ने बेरोजगारों और विपक्ष की इस मांग को अनसुना कर दिया।

UKSSSC Paper Leak Case

UKSSSC Paper Leak Case  : यशपाल आर्य ने आरोप लगाया है कि इन भर्ती घोटालों में पुलिस केवल कुछ लाख रुपए ही बरामद कर पाई है जबकि सैकड़ों करोड़ों रुपयों का घोटाला इन भर्ती घोटालों में हुआ है और ना ही नकल से कमाए गए धन या संपत्ति को सील नहीं किया गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे मामलों पर देश में विपक्ष की सरकारों वाले राज्य में सीबीआई और ईडी की जांच हो जाती है। लेकिन उत्तराखंड में इतने बड़े मामले पर अभी तक सीबीआई आईडी की जांच क्यों नहीं हुई है

 

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