Maa Jwalpa Devi Temple

Maa Jwalpa Devi Temple : रामनवमी पर माँ ज्वालपा देवी मंदिर में दिखी भक्तों के भीड़, जानें महत्व

उत्तराखंड गढ़वाल/कुमाऊं धर्म/संस्कृति विशेष
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Maa Jwalpa Devi Temple : उत्तराखंड के पौड़ी जिले में माँ ज्वालपा देवी मंदिर भक्तों में गहरी आस्था रखता है। यहां माँ के दर्शनों के लिए भक्त दूर दूर से आते हैं। माँ ज्वालपा देवी में हर नवरात्र में भक्तों की भीड़ और अधिक बढ़ जाती है। यहां नवमी के दिन भक्त माँ के दर्शन करने और शीष झुकाने के लिए पहुंचते हैं और मंदिर में हमेशा जलने वाली मन्दिर की अखण्ड जोत भक्तों के मन मे सच्ची आस्था भर देती है।

Maa Jwalpa Devi Temple : Maa Jwalpa Devi Templeमान्यता :

पैराणिक मान्यता है कि इस मंदिर में दैत्य राज की पुत्री देवी शची ने देवराज इंद्र का पाने के लिए यहां माँ भगवती यानी माँ पार्वती की आराधना की थी। मां पार्वती ने शची की तपस्या पर प्रसन्न होकर उसे दीप्त ज्वालेश्वरी के रूप में दर्शन देते हुए उसकी मनोकामना पूर्ण की। तब से ही माँ भगवती की कृपा के लिए यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है। ज्वालपा मन्दिर में अखंड जोत निरंतर मंदिर में प्रज्ज्वलित रहती है। मन्दिर नयार नदी के तट पर स्थित हैं साथ ही एक पौराणिक सिद्धपीठ भी है जिसकी महत्वता भक्त स्वयं बयां करते हैं।

मान्यता है कि इस सिद्धपीठ में पहुंचने वाले भक्तों की हर मनोकामना माँ भगवती पूरी करती हैं। वहीं नवरात्रों में यहां माँ के लिए विशेष पूजा पाठ का आयोजन किया जाता है और भक्त माँ के जयकारे लगाकर आशीर्वाद लेते हैं।

Maa Jwalpa Devi Temple

Maa Jwalpa Devi Temple  :कहा जाता है कि ज्वालपा मंदिर में विशेषकर अविवाहित कन्याएं सुयोग्य वर की कामना को लेकर पहुंचती हैं और यहां पहुंचने वाले भक्तों के हर काम यहां बन जाते हैं। वहीं मन्दिर के आस पास नवरात्र के 9 दिन मन्दिर में भक्तो की भीड़ बढ़ने से व्यापारियों कारोबार और फल फूल जाता है।

 

 

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