Reward For Gahtodi

Reward For Gahtodi : सीट छोड़ने का गहतोड़ी को क्या मिल सकता है इनाम, मिलेगी ज्यादा या थोड़ी जिम्मेदारी?

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Reward For Gahtodi : उत्तराखंड में सीएम के लिए सीट छोड़ने वाले विधायकों की हमेशा चॉंदी रही है और अब 5वें विधायक भी इसी लाइन में खड़े दिखाई दे रहे हैं। बता दें की 22 सालों में 4 मुख्यमंत्रियों के लिए विधायक अपनी सीट छोड़ चुके हैं और सभी को मुख्यमंत्रियों ने दिल खोलकर इनाम दिया है ऐसे में क्या अब गहतोड़ी की भी बनेगी बात और क्या मिलेगा सीएम धामी का मजबूत साथ।

Reward For Gahtodi : 

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गहतोड़ी की चंपावत सीट से चुनाव लडेंगे सीएम धामी : 

उत्तराखंड के पांचवे विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत के साथ जीत हांसिल करने के बाद भी सीएम पुष्कर सिंह धामी को आलाकमान ने सीएम पद पर विराजमान कर प्रदेश की कमान थमाई हुई है।। लेकिन अभी भी 6 माह के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। लेकिन इस चुनौती को कैलाश गहतोड़ी ने सीएम के लिए अपनी सीट छोड़कर कुछ कम जरूर कर दिया है। ऐसे में सीएम के लिए गहतोड़ी की इस कुर्बानी का उन्हें क्या कुछ इनाम मिलेगा इसपर अभी सभी की निगाहें टिकी हुई है।

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सीएम के लिए सीट छोड़ने का जानें पहले विधायकों को क्या मिला है इनाम : 

बता दें राज्य गठन के बाद से अबतक गहतोड़ी पांचवे ऐसे विधायक बन चुके हैं जिन्होंने सीएम के लिए अपनी सीट कुर्बान की है। गहतोड़ी से पहले ऐसे विधायकों को क्या कुछ इनाम मिला है पहले उसपर नज़र डालते हैं———

Reward For Gahtodi : 

—— 2002 में योगंबर सिंह रावत ने छोड़ी थी सीट मिली उत्तराखंड वन विकास निगम अध्यक्ष की जिम्मेदारी।

—— 2007 में टीपीएस रावत ने छोड़ी सीट तो बने खंडूडी की खाली सीट से सांसद।

—— 2012 में किरन मंडल ने छोड़ी सीट तो मिली कुमाऊँ मंडल विकास निगम अध्यक्ष की जिम्मेदारी

——2014 में हरीश धामी को सीट छोड़ने के बाद मिला उत्तराखंड वन विकास निगम अध्यक्ष का पद

Reward For Gahtodi

Reward For Gahtodi : अब ऐसे में कैलाश गहतोड़ी ने सबसे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ने की पेशकश की थी। और चुंकि चंपावत खटीमा से लगा हुआ भी है और खटीमा सीएम धामी की परंपरागत सीट रही है इसलिए सीएम धामी ने यहीं से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ऐसे में ये तो तय है कि गहतोड़ी की इस कुर्बानी का उन्हें इनाम जरूर मिलेगा लेकिन क्या सीएम पुष्कर ​गहतोड़ी की इस कुर्बानी के बाद चंपावत सीट फतह कर सीएम सीट पर बने रहेंगे इसी पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।

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