Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand

Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand : उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल के आंचल में बैकुंठ चतुर्दशी मेला तथा ऐतिहासिक मान्यतांए : जानिए

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Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand : उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल स्थित कमलेश्वर महदेव मंदिर में विभिन्न पर्वों की भांति बैकुंण्ठ चतुर्दशी वर्षभर में पड़ने वाला हिन्दू समाज का महत्वपूर्ण पर्व है। सामान्यतः दीपावली तिथि से 14 वे दिन बाद आने वाले साल का यह पर्व धार्मिक महत्व का है। कमलेश्वर महदेव मंदिर में बैकुंठ चतुर्दशी पर्व पुत्र प्राप्ति की कामना ​हेतु निसंतान दम्पत्ति हाथ में जलता हुआ दीपक व पूजन सामग्री लेकर रातभर खड़े रहकर भगवान भोलेनाथ की आराधना करते ​हैं।

Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand

Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand : किवदंती है कि यह स्थान देवताओं की नगरी भी रही है। इस शिवालय में भगवान विष्णु ने तपस्या कर सुदर्शन-चक्र प्राप्त किया। तो श्री राम ने रावण वध के उपरान्त ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति हेतु कामना अर्पण कर शिव जी को प्रसन्न किया।

Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand

क्यों आयोजित किया जाता है बैकुंठ चतुर्दशी मेला:

Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand : श्रीनगर गढ़वाल के बैकुण्ठ चतुर्दशी मेल का महत्व के कारण कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की चौदवीं तिथि को भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र प्राप्ति का पर्व माना गया है। इसे उपलब्धि का प्रतीक मानकर आज भी श्रृद्धालू पुत्र प्राप्ति की कामना से प्रतिवर्ष इस पर्व पर रात्रि में आराधना करने हेतु मंदिर में आते हैं। तो अनेक श्रृद्धालु दर्शन व मोक्ष के भाव से इस मंन्दिर में आते हैं। जिससे उत्तराखण्ड के गढवाल क्षेत्र में यह मेला एक विशिष्ठ धार्मिक मेले का रूप आयोजित किया जाता है। तथा दम्पत्ति रात्रि को हाथ में दीपक धारण कर भगवान शंकर को फल प्राप्ति हेतु प्रसन्न करती हैं।

Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand

Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand :

कमलेश्वर मंदिर ऐतिहासिक मान्यतांए  :

Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand : श्रीनगर जो प्राचीन काल में श्री क्षेत्र कहलाता था। त्रेता युग में रावण वधकर श्री रामचन्द्र जी द्वारा यहाँ पर 108 कमल प्रतिदिन एक माह तक भगवान शिव का अर्पण किया जाने का वर्णन मिला था। तब भगवान शंकर ने राम की परीक्षा के लिए एक कमल पुष्प छिपा दिया। राम चन्द्र ने फिर अपने नेत्र को अर्पित करते हुए कहने लगे मेरी मॉं बचपन में मुझे कमल नयन कर पुकारती थी 108 वे कमल के रूप में ये मेरा नेत्र है।

Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand

Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand : भगवान शंकर ने राम चन्द्र के समर्पण को देखकर बड़े प्रसन होकर कहने लगे आप ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त ​हुए। साथ ही यह क्षेत्र तुम्हारे तप के कारण कमलेश्वर मंदिर के नाम से प्रसिद्ध होगा ।

Baikunth Chaturdashi In Uttarakhand

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