Death Of Horses And Mules In Kedarnath : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अब चरम पर है, लेकिन केदारनाथ धाम में जहां कुछ श्रद्धालुओं की मौत हुई है। तो वहीं घोड़े और खच्चरों के मौत भी बढ़ती जा रही है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़े और खच्चरों की मौत हो रही है। अभी तक 63 से अधिक घोड़े खच्चरों की मौत हो चुकी है।
Death Of Horses And Mules In Kedarnath :
ध्यान रखना हमारा दायित्व :
जिस पर सांसद मेनका गांधी ने संज्ञान लेते हुए कहा है कि मुक जानवरों का ध्यान रखना हमारा दायित्व है। जिसके लिए उन्होंने राज्य के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से दूरभाष पर बात करते हुए चिंता व्यक्त की है साथ ही पशुपालन मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। वहीं पर्यटन मंत्री ने सचिव दिलीप जावलकर को निर्देश देते हुए कहा है की यात्रा मार्ग पर घोड़े – खच्चरों को चारे के बाद लगभग 3 से 4 घंटे का आराम जरूर मिलना चाहिए। इसके अलावा श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ ना हो और इससे मुक जानवरों पर दबाव नहीं पढ़ना चाहिए और इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं होगी।
Death Of Horses And Mules In Kedarnath : दरअसल केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 16 से 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और इस दौरान घोड़े और खच्चरों पर भी सवार होकर श्रद्धालु धाम में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
ये भी पढ़ें : मंदिर, मस्जिद और लाउडस्पीकर की बहस के बीच उत्तराखंड हाईकोर्ट का अहम फैसला