Protest Against Pillage : सर से छत हटने का भय और बेघर होने का डर इन लोगों के चेहरे पर आपको साफ तौर दिखाई दे रहा होगा। स्कूल जाने और खेलकूद की उम्र में सड़कों पर उतरे इन बच्चों की बेबसी का आलम तो देखिए पढ़—लिखकर देश का मान आगे बढ़ाने से पहले ही इन नन्हें कन्धों पर अपने घर को बचाने की बड़ी जिम्मेदारी आन पड़ी है। दरहसल सड़को पर उतरे ये लोग हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रहते हैं जिनको रेलवे ने अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाने का फरमान सुनाया है।
Protest Against Pillage : सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकारा
ऐसे में रेलवे के इस फरमान के चलते ये लोग बेघर होने की कगार पर आ गए थे जिसके बाद इन्होंने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया लेकिन हाईकोर्ट के द्वारा भी रेलवे विभाग को अतिक्रमण हटाने की मंजूरी मिलने के बाद इन लोगों को निराशा ही हाथ लगी और अब ये लोग सुप्रीम कोर्ट की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। दरहसल इन लोगों को बेघर होने से बचाने के लिए हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश समेत कई विपक्षी दल समर्थन में उतरे हैं और सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अर्जी डाली हुई है।
Protest Against Pillage : विधायक सुमित हृदयेश ने बताया कि उनके वकील सलमान खुर्शीद हैं और उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर ली है और इस मामले में 5 जनवरी को सुनवाई होगी। अब ऐसे में ये नन्हें बच्चे 5 जनवरी के इंतजार में हैं की कब सुप्रीम कोर्ट इनके हक में फैसला सुनाएगा और कब ये चैन की सांस ले सकेंगे।
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